पशुआहार का महत्व

पशुआहार पशुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य, दूध उत्पादन और विकास में अहम भूमिका निभाता है। यदि सही तरीके से पशुआहार तैयार किया जाए और पशुओं को उचित मात्रा में दिया जाए तो यह पशुओं के लिए काफी लाभकारी होता है। अगर बात करें कि पशुआहार होता क्या है? तो यह पशुओं को उनके विकास, स्वस्थ्य, और अधिक दूध उत्पादन के लिए दिया जाता है। इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन्स उचित अनुपात में होते हैं। एक संतुलित पशुआहार पशु की शारीरिक वृद्धि, प्रजनन क्षमता और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, जिससे किसान की आय में वृद्धि होती है।

पशुआहार बनाने के लिए कुछ सामग्री प्रयोग में लाई जाती हैं। जैसे मक्का, जौ, गेहूं, बाजरा जैसे दाने डाले जाते हैं। इनकी मात्रा लगभग 35% रखी जाती है। यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं। सरसों की खली, मूंगफली की खली, बिनौला की खली आदि का उपयोग इसमें किया जाता है। यह प्रोटीन और वसा से भरपूर होते हैं। गेहूं का चोकर, चना की चूरी, या दालों की चूरी आदि को मिलाकर पशुआहार बनाया जाता है, जो फाइबर और ऊर्जा प्रदान करता है। इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रमुख तत्व होते हैं जो पशुओं के लिए जरूरी होते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा, खनिज लवण जैसे नमक, कैल्शियम, और फास्फोरस आदि होते

हालांकि, पशुआहार बनाने के दौरान कुछ बातें पर जरूर ध्यान देना चाहिए। जैसे पशु की अवस्था के अनुसार आहार बनाना। पशु की आयु, वजन के आधार पर आहार की मात्रा और प्रकार तय करें। शुष्क पदार्थ, प्रोटीन और पाच्य तत्वों का संतुलन बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही इसमें विभिन्न आहारों का मिश्रण करना चाहिए। जैसे दाना, हरा चारा, सूखा चारा आदि का मिश्रण तैयार करें, ताकि पशु को पर्याप्त पोषण मिल सके। यदि किसी पोषक तत्व की कमी हो, तो उसकी पूर्ति के लिए सस्ते आहार का चयन करें और अधिक पोषक तत्व वाली सामग्री को उचित मात्रा में उपयोग करें।

पशुआहार के बहुत सारे फायदे होते हैं। संतुलित आहार पशुओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह उन्हें उचित पोषण प्रदान करता है, जिससे वे रोगों से सुरक्षित रहते हैं और उनका शरीर सही तरीके से कार्य करता है। इसके अलावा, आहार पशुओं की शारीरिक वृद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे उनकी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही, जब पशुओं को सही आहार मिलता है, तो इसका सीधा प्रभाव उनके दूध उत्पादन पर भी पड़ता है। संतुलित आहार से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे पशुपालक को अधिक लाभ मिलता है। पशुआहार प्रजनन क्षमता को भी बनाए रखता है और पशुओं की रोग प्रतिकारक क्षमता को भी मजबूत करता है। यह उनके शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।